कहीं ज़मीं छूटा
कहीं आसमाँ छूटा
कहीं फानी, कहीं पुरसरार देखा
हमने अपने आप को झुका देखा
एक लीबास का यह फर्क देखा
जहाँ देखा रफ्फूदार का वही इल्म देखा
कहीं ज़मीं छूटा
कहीं आसमाँ छूटा
कहीं ज़मीं छूटा
कहीं आसमाँ छूटा
कहीं उम्मीद, कहीं नाउम्मिदी देखी
हमने अपने आप को जा-ब-जा देखा
....................
फानी = mortal
पुरसरार = enigmatic
जा-ब-जा = everywhere
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