Tuesday, August 15, 2017

सन्नाटा



एक अजीब सन्नाटा है
चन्द गज ज़मीन लिये

चन्दन की ढ़ेर पर
लाश की महक फैलती नजर आती है

अस्थी कलश की आड़ में
पिंजर ही मात्र शेष है

सुबकते हुये लमहे
लूटते नज़र आते हैं

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