Wednesday, August 30, 2017

आशना

क़फ़से ज़िस्म में
एक हुनर परोस; वरना
न जाने किस दर से
पैगाम ए आजादी की इत्र
आसमां में घुल जाएगी

एक बानगी है
दिल का आशना होना
वरना आसमां में लहराने को
एक कफ़न शेष रह जाएगी

एक क़तरा लहू का
न जाने कितने इंद्रधनुष तारेगा
आसमां तो आसमां
परिन्दा भी पिंजरे से पंख मारेगा


क़फ़से = Cage
आशना = Friend 

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