Sunday, September 10, 2017

किरदार



कहानी के किरदारों में
यह कैसा मन
लग गया,
हरेक पन्ने से एक जिन्दगी
बहने लगी है

मालुम न था
शब्दों के तार्किक भाव भी
यहाँ
अपनों को समाये रहते हैं

ह्रदय स्थल के
हरेक स्पन्दन ने
उन्हें
अपने दिल के करीब
हिलोर करते पाया है

कभी लगता है
पन्नों के बाबत
अपने आप को ज़िल्द समेत
लपेट लूँ
यू ही जीवन
आसमान और जमीं के बीच
कहीं खोने लगी है 

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