Tuesday, April 10, 2018

सभी चले जायेंगे



सभी चले जायेंगे
हम भी चले जायेंगे

एक धुन  -
जगत में
प्यासी सी रह जाएगी

कभी खेत - खलियानो में - देख
अँकुरित बीजों को
मुस्कुरायेंगे हम
और, फिर
आँखों में बारिस लिए
बरस जायेंगे

शब्दों की सैय्या पर
बधिर और मूक होकर
टटोलेंगे तुम्हे हम
खुले आसमान का
आस - विश्वास लिए

जब फ़सल -
काट कर
बाज़ार में बेचा जायेगा
तो हम खाली परे खेतों पर
फिर एक बार
अपनी नज़र दौड़ायेंगे
और सपनों का सब्ज़ लिए
बरस जायेंगे

सभी चले जायेंगे
हम भी चले जायेंगे

एक धुन  -
जगत में
प्यासी सी ..

सब्ज़  = green pasture

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