Thursday, February 15, 2018

का बोली



अब हम का बोली
बोलत नइखे जाए

एक ऐसा बन्दिश तनअ
की गंगा हिलोर मारे
सुनौली याद के सपना बौछार करअ 

की मतलब बानी, अगर
तारेगना का आकाश ना होल
कुँवर सिंह का बलिदान नइखे होल

बिहरिया के शान की खातिर
हृदय अर्पण कर द
इक लौ को जगह दे द

की मतलब बानी, अगर
छठी मईया का तेज़ ना  हो
बिदेसिया का गान ना हो

हमरे पास चम्पारण का औज़ार बा
गांधीजी के पद का एहसास बा
सत्याग्रही का फौलाद बा

की मतलब बानी, अगर
कशीदगी का पटना कलाम न हो
खुदाबक्श का पुस्तकालय न हो

लेखनी का भरमार बा
प्रथम राष्ट्रपति जनमौले बानी
अशोक के गद्दी बा

की मतलब बानी, अगर
विद्यापति का सार न हो
दिनकर का वार न हो

अब हम का बोली
इह पटनाईया का बोल बा

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