अपनी नजदीकीयों में
ऐ दोस्त
एक कफ़न पास रखना
न जाने कितनी वार सहेगी
ये जिंदगी
कभी तो तुम्हारे पास रहने की
इजाजत देना, मेरे दोस्त
अपनी नजदीकीयों में
ऐ दोस्त
एक क़ब्र छुपाये रखना
न जाने किन किन रंगों से
काफिला रंज होगा
कभी तो अपनी बातें होंगी
कभी पास आने का बहाना होगा
अपनी नजदीकीयों में
ऐ दोस्त
सितारे को टिमटिमाते रहना
न जाने किस श्याह से
भ्रमित आत्मा को नज़र लग जाये
बैठेंगे साथ हम दोनों
जनम जनम आवारगी लिए हुए