Monday, October 10, 2016

दर्शन के शाम



पिला दो साकी
एक जाम
मैखाने का

मन लगता नहीं
अब इस जहाँ में
कहीं ले चल दूर अपरम्पार

कर दे बेदार
की हर पानी
हो जाये शराब

इस उफनती दुनिया से
ले चल उस पार
की जमीं पर जमते नहीं अब पाऊँ

पिला दो साकी
एक जाम
दर्शन के ये शाम


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