Friday, September 6, 2019

गमले का फूल



अर्ध रात्रि -
चांदनी बेला में
कौन झांकता है वहां
छत पर रखे गमले से
गेंदा के फूल सी
एक स्वरणीम् मुस्कान लिए

सुप्त जहां की
जागृत बेला में
कौन लुभाता है
पहर की ठंडी सांस लिए
निश रात्रि का
आकृत आस लिए

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