Monday, August 26, 2019

दुशवारी

दुशवारी में
मयस्सर होते नहीं
गम-ए-हस्ती का ईलाज 

मेरे कत्ल के बाद
उसने क्या रंग ज़माया
की जफा से तौबा  

अब और क्या सुनाऊँ
अहल-ए-जहां को किस्से
बस्तियां विरान हो गयी

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दुशवारी = trouble times
जफा = atrocities
अहल-ए-जहां = people

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